बीजिंग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन के तियानजिन शहर में हैं। इस दौरान उन्होंने रविवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों के बीच यह बैठक एससीओ से इतर हुई है, जिसमें प्रधानमंत्री ने तीन शब्दों में भारत का बड़ा संदेश दिया है। शी के साथ मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा कि 'परस्पर विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर हम अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।'
पीएम मोदी ने इन तीन शब्दों के जरिए चीन को भारत के साथ संबंध रखने के लिए बड़ा संदेश दिया। परस्पर विश्वास से जहां चीन को धोखा देने से बाज आने को कहा तो रिश्तों में सम्मान की बात करके ड्रैगन को साफ कर दिया कि भारत पर दबाव नहीं बनाया जा सकता है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने संबंधों को संवेदनशीलता के साथ बढ़ाने पर जोर दिया, जो चीन को सीधा संदेश है कि उसे पाकिस्तान के मुद्दे पर भारत के पक्ष को गंभीरता से लेना होगा।
सीमा प्रबंधन को लेकर समझौता
जिनपिंग के साथ बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'पिछले साल कजान में हमारी बहुत ही उपयोगी चर्चा हुई थी, जिससे हमारे संबंधों को सकारात्मक दिशा मिली। सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद शांति और स्थिरता का माहौल है। पीएम मोदी ने आगे कहा, 'सीमा प्रबंधन को लेकर हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच एक समझौता हुआ है। कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो गई है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ाने भी फिर से शुरू हो रही हैं।'
ड्रैगन और हाथी को साथ लाने की बात
पीएम मोदी ने बताया कि दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के हित आपसी सहयोग से जुड़े हैं। उन्होंने इसे संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए जरूरी बताया। इस दौरान शी जिनपिंग ने दुनिया में हो रहे बदलाव का जिक्र करते हुए दोनों देशों में अच्छे रिश्तों पर जोर दिया। शी ने कहा, 'दुनिया बहुत तेज़ी से बदलाव की ओर बढ़ रही है । चीन और भारत दुनिया की बड़ी सभ्यताएं हैं । हम दुनिया की सबसे ज़्यादा आबादी वाले देश और ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं । अच्छे दोस्त , अच्छे पड़ोसी बनना ज़रूरी है । ड्रैगन और हाथी को साथ आना चाहिए।'
पीएम मोदी ने इन तीन शब्दों के जरिए चीन को भारत के साथ संबंध रखने के लिए बड़ा संदेश दिया। परस्पर विश्वास से जहां चीन को धोखा देने से बाज आने को कहा तो रिश्तों में सम्मान की बात करके ड्रैगन को साफ कर दिया कि भारत पर दबाव नहीं बनाया जा सकता है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने संबंधों को संवेदनशीलता के साथ बढ़ाने पर जोर दिया, जो चीन को सीधा संदेश है कि उसे पाकिस्तान के मुद्दे पर भारत के पक्ष को गंभीरता से लेना होगा।
सीमा प्रबंधन को लेकर समझौता
जिनपिंग के साथ बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'पिछले साल कजान में हमारी बहुत ही उपयोगी चर्चा हुई थी, जिससे हमारे संबंधों को सकारात्मक दिशा मिली। सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद शांति और स्थिरता का माहौल है। पीएम मोदी ने आगे कहा, 'सीमा प्रबंधन को लेकर हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच एक समझौता हुआ है। कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो गई है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ाने भी फिर से शुरू हो रही हैं।'
ड्रैगन और हाथी को साथ लाने की बात
पीएम मोदी ने बताया कि दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के हित आपसी सहयोग से जुड़े हैं। उन्होंने इसे संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए जरूरी बताया। इस दौरान शी जिनपिंग ने दुनिया में हो रहे बदलाव का जिक्र करते हुए दोनों देशों में अच्छे रिश्तों पर जोर दिया। शी ने कहा, 'दुनिया बहुत तेज़ी से बदलाव की ओर बढ़ रही है । चीन और भारत दुनिया की बड़ी सभ्यताएं हैं । हम दुनिया की सबसे ज़्यादा आबादी वाले देश और ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं । अच्छे दोस्त , अच्छे पड़ोसी बनना ज़रूरी है । ड्रैगन और हाथी को साथ आना चाहिए।'
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