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QUAD से भारत को बाहर करने की तैयारी में ट्रंप? दिल्ली के बिना चीन पर लगाम लगा पाएगा अमेरिका? अब इस देश पर लगाया दांव

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वॉशिंगटन: ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री हेरोल्ड विल्सन का एक प्रसिद्ध कथन है कि "राजनीति में एक हफ्ता बहुत लंबा समय होता है"। हालांकि जियो-पॉलिटिक्स में एक हफ्ता, अनंत काल जैसा हो सकता है और कभी कभी एक पल भी एक अलग समय सीमा जैसा महसूस हो सकता है। वो डोनाल्ड ट्रंप ही थे जिन्होंने अपने पहले कार्यकाल में साल 2017 में भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर चीन को काउंटर करने निकले थे। उन्होंने क्वाड को फिर से जिंदा किया था, लेकिन ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में जो कुछ भी हुआ है, उसे देखकर फिलहाल क्वाड के मौत की भविष्यवाणी की जा सकती है।

क्वाड को हिंद-प्रशांत क्षेत्र, यानि इंडो-पैसिफिक का NATO कहा गया, उसे चीन को बैलेंस करने वाला संगठन कहा गया, चीन ने इसे एक सैन्य संगठन कहा और खुद डोनाल्ड ट्रंप ने इसे नये आकार में ढालने का पूरा क्रेडिट लिया। लेकिन अब क्वाड को बेमौत मारने का श्रेय भी डोनाल्ड ट्रंप को ही जाना चाहिए। हालांकि, ट्रंप के दूसरा कार्यकाल के पहले ही दिन QUAD देशों की बैठक की गई, जो एक शानदार शुरूआत थी। अमेरिका के नये विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने अपनी सबसे पहली बैठक क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों के साथ की, जिसका साफ मतलब यही था कि ट्रंप प्रशासन इंडो-पैसिफिक को लेकर चीन को कोई संदेश देना चाहता था। इसके बाद जुलाई में क्वाड विदेश मंत्रियों की एक और बैठक हुई। लेकिन अब क्वाड का भविष्य क्या होगा, कोई नहीं जानता है। इस साल क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत को करनी थी।

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क्या Quad को मरा हुआ मान लेना चाहिए?

भारत को इस साल नवंबर में क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करनी थी। लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि ट्रंप इस बैठक में शामिल होने के लिए तैयार नहीं हुए। इसीलिए उनके नहीं आने से पूरा शिखर सम्मेलन रद्द हो सकता है। ट्रंप पिछले महीने ही एशिया का दौरा खत्म करके गये हैं इसलिए अब भारत का दौरा दूर दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है, लिहाजा मान लेना चाहिए कि क्वाड शिखर सम्मेलन इस साल अब नहीं होगा। बाइडन प्रशासन ने क्वाड को काफी प्राथमिकता दी और क्वाड को शिखर सम्मेलन स्तर तक पहुंचाया। लेकिन ट्रंप की दूसरी पारी में इस गठबंधन की दिशा धुंधली होती दिख रही है। एक तरफ जहां ट्रंप प्रशासन, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को रणनीतिक रूप से अहम बता रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत के साथ उसके संबंध अब काफी खराब हो चुके हैं।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% का रिकॉर्ड आयात शुल्क लगा रखा है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा अभी तक दोनों देशों के बीच कोई नया व्यापार समझौता नहीं हो पाया है। जबकि मई में हुए भारत-पाक युद्ध के कुछ ही हफ्तों बाद ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का वाइट हाउस में स्वागत किया, जो नई दिल्ली के लिए असहज करने वाला था। कुल मिलाकर देखा जाए तो डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में भारत के विश्वास को बुरी तरह से तोड़ दिया है। इसीलिए अब जब तक भारत-अमेरिका संबंध स्थिर नहीं होते, क्वाड का भविष्य भी अनिश्चित बना रहेगा। अर्थव्यवस्था, जनसंख्या और सैन्य नजरिए से अमेरिका और भारत ही क्वाड के सबसे प्रमुख स्तंभ है और इनके बीच के अविश्वास ने इस गठबंधन के स्तंभ को हिला दिया है।



क्या भारत को क्वाड से बाहर करने वाला है अमेरिका?

जियो-पॉलिटिक्स की दुनिया में एक कहावत और काफी मशहूर है। यहां कोई गठबंधन या समूह मरता नहीं है, वो बस निष्क्रीय अवस्था में पहुंच जाता है। वहीं, हालिया जियो-पॉलिटिकल हालातों में एक खतरनाक विचार उभर रहा है। अमेरिका, क्वाड में भारत की जगह फिलीपींस को लाने की तैयारी कर रहा है। या कम से कम वाशिंगटन, नई दिल्ली को यह सूक्ष्म संकेत दे रहा है कि ऐसी बात नहीं है कि हिंद-प्रशांत गठबंधन में उसकी जगह कोई और नहीं ले सकता। अमेरिका के रक्षा मंत्री, जिन्हें आप युद्ध मंत्री कह सकते हैं, उन्होंने 1 नवंबर को कुआलालंपुर में जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस के रक्षा मंत्रियों से मुलाकात की है। फिलीपींस के अलावा बाकी के तीनों देश क्वाड के सदस्य हैं।

इस बैठक के बाद नेताओं की तरफ से जो ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किए गये, उनमें कई ऐसी बातें थीं, जो क्वाड की बैठक के बाद जारी प्रेस रिलीज में जारी किए जाते थे। जैसे, नेताओं ने दक्षिण चीन सागर में चीन की कार्रवाईयों को लेकर चिंता जताई। इसके अलावा समुद्री मार्गों की स्वतंत्रता, अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान, फ्री इंडो-पैसिफिक जैसी बातें की गई। इसके अलावा चारों देशों ने "इंडो-पैसिफिक चीफ्स ऑफ डिफेंस कोऑपरेशन काउंसिल" बनाने और 2026 में फिलीपींस में संयुक्त सैन्य अभ्यास 'बालिकातन' (BALIKATAN 2026) आयोजित करने की घोषणा भी की। यानि, क्वाड की बातों को इस बैठक के बाद के ज्वाइंट स्टेटमेंट में शामिल किया। यानि, क्वाड में अब भारत का स्थान फिलीपींस ले चुका है, या लेने वाला है।
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