कार्बोहाइड्रेट्स: चावल, दलिया, उबले आलू और टोस्ट जैसे हल्के कार्बोहाइड्रेट्स ऊर्जा का अच्छा स्रोत होते हैं।
प्रोटीन: उबले अंडे, उबला हुआ चिकन या मछली, दही और पनीर जैसे लीन प्रोटीन शरीर के ऊतकों की मरम्मत और इम्यूनिटी को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
तरल पदार्थ: पर्याप्त मात्रा में पानी, नारियल पानी, ORS घोल, सूप और फलों का जूस (खट्टे फलों से बचें) शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं।
फल और सब्जियां: पके केले, सेब की प्यूरी, खरबूजा, नाशपाती और अच्छी तरह उबली हुई सब्जियां (जैसे गाजर, लौकी) विटामिन और मिनरल्स का अच्छा स्रोत होती हैं।
वसायुक्त और तला हुआ भोजन: इन खाद्य पदार्थों को पचाना मुश्किल होता है और ये पेट को खराब कर सकते हैं।
मसालेदार और तेज़ स्वाद वाले भोजन: ये पाचन तंत्र में जलन पैदा कर सकते हैं।
कच्ची सब्जियां और फल: इनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे पाचन में कठिनाई हो सकती है। गैस बनाने वाली सब्जियों जैसे फूलगोभी और ब्रोकोली से बचें।
डेयरी उत्पाद (दही को छोड़कर): यदि लैक्टोज असहिष्णुता है, तो दूध और अन्य डेयरी उत्पादों से दूर रहें।
कैफीन और शराब: ये शरीर को डिहाइड्रेट कर सकते हैं।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि टाइफाइड के दौरान छोटे-छोटे भोजन बार-बार लेना बेहतर होता है, बजाय इसके कि एक बार में अधिक खाया जाए। हमेशा डॉक्टर की सलाह का पालन करें, क्योंकि वे आपकी विशेष स्थिति के अनुसार आहार योजना तैयार कर सकते हैं।
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