उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद में धर्म परिवर्तन का एक अनोखा और शांतिपूर्ण मामला सामने आया है। जिले के सरसावा क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध बनखंडी महादेव मंदिर में शुक्रवार को एक मुस्लिम युवक ने स्वेच्छा से हिंदू धर्म अपना लिया। धार्मिक विधियों का पालन करते हुए युवक ने मंत्रोच्चारण, हवन-पूजन और शुद्धिकरण की प्रक्रिया पूरी की, जिसके बाद वह अब 'शिव राणा' के नाम से पहचाना जाएगा।
इस आयोजन की जानकारी मिलते ही मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। मौजूद संतों और श्रद्धालुओं की उपस्थिति में विधिवत रूप से धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी की गई। युवक ने सार्वजनिक रूप से यह ऐलान किया कि उसने किसी दबाव या प्रलोभन में आकर नहीं, बल्कि अपने आत्मिक विश्वास के चलते यह कदम उठाया है।
युवक ने बताया कि वह पिछले कुछ वर्षों से हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति से प्रभावित था। उसने विभिन्न धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन किया और संतों-साधुजनों के संपर्क में आने के बाद उसके मन में सनातन धर्म को अपनाने की प्रबल इच्छा जागी। इसी के तहत उसने बनखंडी महादेव मंदिर पहुंचकर धर्म परिवर्तन का निर्णय लिया।
धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया में शामिल मंदिर के पुजारियों और स्थानीय संतों ने बताया कि युवक की इच्छा और आस्था को देखकर यह निर्णय लिया गया। उन्होंने धर्म परिवर्तन से पूर्व युवक से विधिवत हलफनामा भरवाया और उसकी मर्जी की पुष्टि की।
अब वह युवक 'शिव राणा' के नाम से अपनी नई पहचान के साथ जीवन की नई शुरुआत करेगा। मंदिर समिति ने उसे आशीर्वाद देते हुए उसके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना की।
इस घटना की जानकारी मिलते ही सोशल मीडिया पर भी चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थानीय पुलिस का कहना है कि अगर धर्म परिवर्तन पूरी तरह स्वेच्छा से हुआ है और कोई विवाद नहीं है, तो मामला सामान्य है।
ध्यान देने वाली बात है कि उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन के मामलों को लेकर सरकार की ओर से विशेष सतर्कता बरती जाती है। हालांकि इस मामले में अब तक किसी प्रकार की कानूनी आपत्ति या विरोध सामने नहीं आया है।
बनखंडी महादेव मंदिर में इस तरह की घटना पहली बार नहीं है, जहां श्रद्धा और आस्था के चलते कोई व्यक्ति स्वेच्छा से सनातन धर्म को अपनाता है। यह घटना एक बार फिर से यह दिखाती है कि धर्म, आस्था और पहचान का फैसला व्यक्ति की आत्मा और विवेक का विषय है, न कि किसी सामाजिक दबाव या प्रचार का।
You may also like
Asia Cup 2025: जसप्रीत बुमराह का एशिया कप में खेलना संदिग्ध, इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा
स्टेनोग्राफर को हर महीने मिलता है कितना पैसा, जान लें 8वें वेतन आयोग के बाद कितनी बढ़ेगी सैलरी
अनुपम खेर ने पिता के निधन पर मनाया जश्न, जानें क्यों
Rajasthan: एसआई भर्ती परीक्षा, बेनीवाल ने कहा-न हिम्मत टूटी और ना हीं इरादा डगमगाया
'अभिनय करना आसान नहीं, हर रोल पहला लगता है', रणदीप हुड्डा