रेलवे में तकनीकी जांच के क्षेत्र में एक नई और रोचक पहल सामने आई है। पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल में इंदौर में पदस्थ इलेक्ट्रिक टेक्नीशियन-वन भगवती लाल सालवी ने लोको इंजन और कोच को जोड़ने वाली बिजली की केबल की जांच के लिए एक यूआईसी कप्लर टेस्टिंग डिवाइस बनाई है। इस नवीन उपकरण ने रेलवे कर्मचारियों का काम आसान कर दिया है और लंबे समय लेने वाले परीक्षण अब मिनटों में पूरे किए जा सकते हैं।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, लोको इंजन और कोच को जोड़ने वाली बिजली की केबल की जांच पहले घंटों का काम होती थी। इसमें तकनीकी कर्मचारियों को प्रत्येक कनेक्शन और सर्किट का मैनुअल परीक्षण करना पड़ता था। भगवती लाल सालवी ने इस प्रक्रिया को स्मार्ट और तेजी से करने के लिए यूआईसी कप्लर टेस्टिंग डिवाइस तैयार की।
इस डिवाइस के माध्यम से अब कर्मचारी बिजली के कनेक्शन की सटीकता, स्थिरता और सुरक्षा को बहुत कम समय में जाँच सकते हैं। इससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि परीक्षण की गुणवत्ता भी बढ़ती है। अधिकारी बताते हैं कि यह मशीन रेलवे में तकनीकी दक्षता और कार्यक्षमता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी।
भगवती लाल सालवी ने कहा कि यह उपकरण रेलवे कर्मचारियों के शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने के लिए बनाया गया है। लंबे समय तक मैनुअल जाँच करने के बजाय अब कर्मचारी इस डिवाइस का उपयोग करके अपने काम को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से पूरा कर सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि रेलवे में इस तरह के नवाचार और तकनीकी उपकरण न केवल समय और संसाधनों की बचत करते हैं, बल्कि सुरक्षा और कार्य की गुणवत्ता में भी सुधार लाते हैं। यूआईसी कप्लर टेस्टिंग डिवाइस इसका प्रमाण है कि रेलवे में स्थानीय तकनीकी कर्मचारियों की रचनात्मक सोच और नवाचार को महत्व दिया जा रहा है।
पश्चिम रेलवे के अधिकारियों ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि भविष्य में इसे अन्य मंडलों में भी लागू करने की योजना है। इसके साथ ही, कर्मचारियों को इस डिवाइस के उपयोग और संचालन के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
रेलवे कर्मचारियों के लिए यह उपकरण केवल काम को आसान नहीं बनाता, बल्कि यह सुरक्षा मानकों और तकनीकी दक्षता को भी बढ़ाता है। लंबे समय से तकनीकी जाँच में लगने वाला प्रयास अब कम समय में और सटीक तरीके से पूरा होता है।
भविष्य में इस तरह के उपकरण और नवाचार रेलवे की तकनीकी प्रणाली को और स्मार्ट और सुरक्षित बनाने में मदद करेंगे। रेलवे तकनीकी कर्मचारियों की मेहनत और उनकी रचनात्मक सोच को सम्मानित करते हुए इस पहल को अन्य मंडलों में भी लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
अंततः, पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल में भगवती लाल सालवी का यह नवाचार रेलवे में तकनीकी जाँच के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है। यूआईसी कप्लर टेस्टिंग डिवाइस ने न केवल कर्मचारियों का काम आसान बनाया है, बल्कि रेलवे में तकनीकी दक्षता और सुरक्षा मानकों को भी नए स्तर पर पहुंचाया है
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