शिमला, 31 मई . मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में जनहित से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए. बैठक में जहां गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा विभाग में 700 स्वयंसेवकों (होमगार्ड) की भर्ती को हरी झंडी दी गई, वहीं पंचायत सचिवों की सेवाएं नियमित करने, डिपॉजिट रिफंड योजना लागू करने और रेजिडेंट डॉक्टर नीति में संशोधन जैसे फैसले भी लिए गए.
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बैठक में वर्ष 31 मार्च 2025 तक दो साल की अनुबंध सेवा पूरी कर चुके जिला परिषद कैडर के 203 पंचायत सचिवों की सेवाएं नियमित करने का निर्णय लिया गया. इसके साथ ही पंचायती राज संस्थाओं के अध्यक्षों और सदस्यों के लिए वर्ष 2010 की तर्ज पर डि-नोवो आरक्षण रोस्टर शुरू करने को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी गई.
स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ा बड़ा निर्णय लेते हुए कैबिनेट ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला और डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय मेडिकल कॉलेज, टांडा में सीनियर रेजीडेंसी हेतु पात्रता से पहले एक वर्ष की फील्ड पोस्टिंग की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है. यह संशोधन अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटीज, चमियाणा में अपनाई गई नीति के अनुरूप होगा. इसका उद्देश्य चयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुगठित बनाना है.
कैबिनेट में हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. साथ ही राज्य में गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे को कम करने और पर्यावरणीय संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए डिपॉजिट रिफंड स्कीम-2025 शुरू करने का निर्णय लिया गया. इस योजना के तहत उपभोक्ता निर्धारित उत्पाद खरीदते समय कुछ अतिरिक्त राशि जमा करेंगे, जो खाली कंटेनर लौटाने पर वापस मिल जाएगी. यह योजना कांच की बोतलों, प्लास्टिक और एल्यूमीनियम कंटेनरों, तरल पैकेजिंग और बहुस्तरीय पैकेजिंग जैसी सामग्रियों पर लागू होगी. इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा.
वन और पर्यावरण की दिशा में भी एक अहम निर्णय लेते हुए कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम को राज्य के वन क्षेत्रों में स्थित नदियों और तालाबों से लघु खनिजों को एकत्र करने और ड्रेजिंग ऑपरेशन की अनुमति दी है. इसका उद्देश्य बेहतर स्रोत प्रबंधन और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना है.
शिक्षा क्षेत्र में भी विस्तार करते हुए बैठक में सोलन जिले के रामशहर शिक्षा खंड को विभाजित कर बद्दी में नया प्रारंभिक शिक्षा खंड स्थापित करने का निर्णय लिया गया. इस नए खंड के संचालन के लिए आवश्यक पद सृजित किए जाएंगे.
इसके अलावा कांगड़ा जिले के सुलह, भवारना और लम्बागांव तथा हमीरपुर जिले के भोरंज विकास खंड का पुनर्गठन करने का निर्णय भी लिया गया है.
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/ उज्जवल शर्मा
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