पश्चिम बर्दवान, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . दुर्गापुर में आईक्यूएसिटी मेडिकल कॉलेज की पहली वर्ष की छात्रा के साथ हुए कथित सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने राज्य में महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति को उजागर किया है. अखिल Indian विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए तत्काल न्याय सुनिश्चित करने की मांग की है.
एबीवीपी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पिछले 14 वर्षों में राज्य में महिला विरोधी घटनाओं में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. कामदुनी, हांसखाली, काटोआ, आर.जी. कर, संदेसखाली, कासबा लॉ कॉलेज, पांशकुड़ा और अब दुर्गापुर में आईक्यूएसिटी मेडिकल कॉलेज—इन घटनाओं ने स्पष्ट कर दिया है कि West Bengal में महिला सुरक्षा की स्थिति बेहद चिंताजनक है.
एबीवीपी दक्षिण बंगाल राज्य के सचिव अनिरुद्ध सरकार ने कहा कि West Bengal के हर शैक्षणिक संस्थान छात्राओं और उनके अभिभावकों के लिए अब दुःस्वप्न बन गए हैं. राज्य प्रशासन को महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और गरिमा बनाए रखने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने होंगे. Chief Minister और उनकी पार्टी द्वारा इस प्रकार की घटनाओं पर ध्यान न देने के कारण राज्य में आर.जी. कर जैसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं. एबीवीपी हर संभव प्रयास करेगा कि पीड़ित छात्राओं को न्याय मिले और इसके लिए सड़क से लेकर अदालत तक संघर्ष जारी रहेगा.
—
एबीवीपी ने राज्य प्रशासन से तीन प्रमुख मांगें रखीं हैं :
1. पीड़िता का बयान दर्ज कर तुरंत आरोपितों को गिरफ्तार किया जाए.
2. एक विशेष टास्क फोर्स गठित कर निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित की जाए.
3. घटना में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से शामिल सभी दोषियों को दंडित किया जाए, केवल आश्वासन देने भर से काम नहीं चलेगा.
एबीवीपी ने चेतावनी दी है कि न्याय की सुनिश्चितता तक संगठन इस मामले में सक्रिय और संघर्षशील रहेगा. Saturday रात अपने बयान में संगठन ने कहा है कि इसके खिलाफ सड़क पर उतरकर भी आंदोलन किया जाएगा.
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
You may also like
गरीब लड़के को सड़क पर मिले 38 लाख` रुपए से भरा बैग मालिक को ढूंढ कर लौटाए पूरे पैसे मिला ये इनाम
शाहरुख खान से कृति सेनन तक, फिल्मफेयर 2025 में दिखा सितारों का शानदार जलवा
स्मृति ईरानी के पति को सलीम खान ने कहा था 'निकम्मा', बताया- कार चुराकर भाग जाते थे सलमान खान और जुबीन ईरानी
पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़, SP के निर्देशन में चल रहा था अभियान
सात फेरों का सबूत न हो तो भी शादी अवैध नहीं, दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला