मंडी, 25 मई . शिक्षा वह नींव है जिस पर सशक्त समाज और उन्नत राष्ट्र की इमारत खड़ी होती है. हिमाचल प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में न केवल शिक्षा क्षेत्र में नवाचार कर रही है बल्कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को भी मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है.
मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करने वाले कामगारों के बच्चों के जीवन में उच्च शिक्षा का उजाला लाने के लिए एक ऐसी ही योजना प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से संचालित की जा रही है. शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता योजना के तहत पहली कक्षा से पी.एच.डी. तक की उच्चतर शिक्षा ग्रहण करने के लिए उन्हें 8,400 रुपए से लेकर 1.20 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. मंडी जिला में इस योजना के तहत कामगार बोर्ड में पंजीकृत कामगारों के 1254 बच्चों को लगभग 3.41 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद प्रदान की गई है. इसके अतिरिक्त लाभार्थी के बच्चों को हॉस्टल में रहने पर हॉस्टल सुविधा योजना के तहत प्रतिवर्ष 20 हजार रुपए की वित्तीय मदद दी जाती है.
शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता योजना का लाभ लेने वाली सरकाघाट क्षेत्र के गांव योह की निलिमा देवी ने बताया कि उनके पति मनोज कुमार लोगों के घरों में श्रमिक का कार्य तथा पंचायत में मनरेगा की दिहाड़ी लगा परिवार का पालन-पोषण करते हैं. सहेली से कामगार कल्याण बोर्ड की इस योजना बारे पता चला. पति का श्रमिक कार्ड बना है. बेटियों की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता का फॉर्म भरा जिस पर कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा दोनों बेटियों रितिका कक्षा छठी और कृतिका दसवीं कक्षा की पढ़ाई के लिए 16,800 रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई है. निलिमा ने इसके लिए प्रदेश सरकार व कामगार कल्याण बोर्ड का धन्यवाद किया है.
एक अन्य लाभार्थी जोगिंद्रनगर के दारट गांव के रोहित का कहना है कि वह राजीव गांधी मेमोरियल महाविद्यालय जोगिंद्रनगर में पढाई कर रहे हैं. उनकी माता दिहाड़ीदार हैं. उन्होंने मनरेगा में 100 दिन पूरे किए हैं तथा कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत हैं. बोर्ड द्वारा पढ़ाई के लिए 72 हजार रूपये की राशि मिली है, जिसके लिए उन्होंने सरकार व मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का धन्यवाद किया है.
कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को प्रथम से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए 8,400 रुपए, 9वीं से 12वीं तक 12 हजार रूपए, कॉलेज तक की शिक्षा के लिए 36 हजार रूपए, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करने के लिए 48 हजार रूपए, बी.टेक., एम.टेक., एमबीबीएस आदि के लिए एक लाख 20 हजार रुपए वार्षिक शिक्षण सहायता प्रदान की जाती है.
ये है पात्रता
ऐसे कामगार जो भवन निर्माण, सड़क, पुल, बिजली उत्पादन व वितरण, जल निकासी, बांध, सुरंग, संचार लाइन इत्यादि कार्यों से जुड़े हों अथवा जिनका कार्य कारखाना अधिनियम 1948 या खान अधिनियम 1952 के अंतर्गत नहीं आता, वे इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र हैं. पंजीकरण के लिए कामगार की आयु 18 से 60 वर्ष होनी चाहिए तथा पिछले 12 माह में कम से कम 90 दिन कार्य किया हो.
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए संबंधित विभागों को समयबद्ध कार्य के निर्देश दिए गए हैं. जिला में कामगारों के कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं का त्वरित लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है.
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/ मुरारी शर्मा
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