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खनन पट्टा देने के दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना देखने के लिए जांच कमेटी गठन के आदेश

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जयपुर, 29 मई . राजस्थान हाईकोर्ट राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह तीन वरिष्ठ अधिकारियों की एक कमेटी का गठन करें, यह कमेटी देखेगी की बजरी खनन पट्टा देने के दौरान मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना हुई है या नहीं? इसके अलावा कमेटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने की रिपोर्ट देने पर ही संबंधित व्यक्ति को खनन पट्टा जारी किया जाएगा. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस मुकेश राजपुरोहित की खंडपीठ ने यह आदेश डॉ. बृजमोहन सपूत कला संस्कृति सेवा संस्थान की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में वीरेन्द्र लोढा ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने बजरी लीज धारक वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष की ओर से दायर एसएलपी पर राज्य सरकार को बजरी खनन पट्टा जारी करने के लिए दिशा- निर्देश जारी किए थे. सुप्रीम कोर्ट ने इन दिशा निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के बाद ही नए खनन पट्टे जारी करने को कहा था. याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में सीईसी की एक सिफारिश को छोड़कर अन्य सिफारिशों को तत्काल लागू करने को कहा था. इन सिफारिशों के तहत सभी वैधानिक मंजूरी प्राप्त करने और बकाया व लागू करों का भुगतान करने के बाद ही बजरी खनन की अनुमति दी जा सकती है. इसके बावजूद भी नए खनन पट्टे देने के दौरान इन निर्देशों की अवहेलना की जा रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना देखने के लिए कमेटी गठित करने और इसकी सिफारिश पर खनन पट्टे देने के आदेश दिए हैं.

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