मंडी, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । सरकारी नियुक्तियों में जॉब ट्रेनी पॉलिसी के विरोध को लेकर भाजपा के पूर्व प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा ने एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा है। जिसमें कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने कुछ दिन पूर्व हिमाचल प्रदेश रिक्रूटमेंट एंड कंउीशन ऑफ गवर्नमेंट इंप्लाइस एक्ट -2024 में परिवर्तन लाते हुए नई पॉलिसी लागू की है। जिसके तहत सरकारी विभागों, बोर्डों, और निगमों में ग्रुप-ए, बी, और सी के पदों पर नई भर्तियों मे पूर्व में दो वर्ष की अनुबंध नीति के स्थान पर अब चयनित उम्मीदवारों को पहले दो साल तक जॉब ट्रेनी के रूप में काम करना होगा। उनकी दो वर्ष की यह अवधि केवल प्रशिक्षण की अवधि मानी जाएगी और इस दौरान वे नियमित सरकारी कर्मचारी नहीं माने जाएंगे। इस दौरान उन्हें एक निश्चित मासिक राशि दी जाएगी। और वह नियमित कर्मियों की तर्ज पर मिलने वाले वित्तीय लाभ व अन्य लाभ जैसे पेंशन, अवकाश नियम या अन्य भत्तों के हकदार नहीं होंग। जाॅब ट्रेनी के रूप में दो वर्ष कार्य करने के पश्चात इन्हें नियमित होने के लिए फिर से परीक्षा उतीर्ण करनी होगी।
राज्यपाल को लिखे पत्रमें कहा गया है कि यह नीति प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ सीधा-सीधा खिलवाड़ है और पिछले दरवाजे से अपने चहेते लोगों को सरकारी नौकरियों मे भर्ती करने का षड़यंत्र है क्योंकि पहले चरण मे भर्ती प्रक्रिया स्पष्ट नहीं है और दो वर्ष जॉब ट्रेनी के रूप मे कार्य करने के पश्चात चयनित उम्मीदवारों का भविष्य विभागाध्यक्षों के हाथों सौंप दिया है। जिससे उनका शोषण होना निश्चित है।राज्यपाल से निवेदन है कि इस नई नीति के मामले मे हस्तक्षेप करते हुए प्रदेश सरकार को इस नीति पर पुनः विचार करने के लिए कहें और किसी भी तरह की आउट सोर्स, अनुबंध या जाब ट्रेनी जैसी युवा विरोधी नीतियों के स्थान पर नियमित नियुक्तियों के लिए नीति बनाने के लिए प्रदेश सरकार को कहें।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
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