पूर्वी चंपारण,30 मई .
रक्सौल डीएसपी धीरेंद्र कुमार की मुश्किलें अब बढने वाली है. चंपारण रेंज के डीआईजी हर किशोर राय ने एसडीपीओ के खिलाफ जांच पूरी कर विभाग को रिपोर्ट सौंप दी है, जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई की संभावना प्रबल हो गई है.
मामले की शुरुआत रक्सौल के एक कपड़ा व्यवसायी टुन्ना प्रसाद की शिकायत से हुई थी, जिन्होंने डीएसपी और थानाध्यक्ष पर कपड़े लेने के बावजूद भुगतान न करने, फर्जी मुकद्दमा कर अवैध वसूली और धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. यह घटना आदापुर थाना क्षेत्र के भेड़िहारी की है.
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीआईजी स्वयं रक्सौल पहुंचे और जांच की. जांच में कई अहम तथ्य सामने आए हैं. डीआईजी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार डीएसपी कार्यालय में पदस्थापित सिपाही नीरज कुमार पर अवैध वसूली में संलिप्तता के आरोप पाए गए हैं. इस पर मोतिहारी एसपी को कार्रवाई का निर्देश जारी कर दिया गया है.
डीआईजी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि बिचौलियों के माध्यम से पैसा वसूला जा रहा था और इसकी जानकारी डीएसपी को थी. इसके अलावा, डीएसपी द्वारा घटनास्थल पर गए बिना ही कार्यालय में बैठकर रिपोर्ट तैयार करने का मामला भी रिपोर्ट में दर्ज है. इसके साथ ही, रिपोर्ट में कुछ अन्य गंभीर बाते भी शामिल है.
उल्लेखनीय है,कि इस पूरे प्रकरण की जांच के बाद डीआईजी ने रक्सौल थानाध्यक्ष राजीव नंदन सिन्हा को तत्काल निलंबित कर दिया. साथ ही, एक कथित बिचौलिया शिवपूजन शर्मा की गिरफ्तारी के साथ एक चौकीदार को निलंबित करने का भी आदेश दिया गया है. दूसरी ओर यह भी चर्चा है,कि रक्सौल डीएसपी ने डेढ़ वर्ष के अंदर दो सौ से अधिक ड्रग तस्कर के विरुद्ध कार्यवाई की है, जिसमें कई राष्ट्रीय और अंर्तराष्ट्रीय भी शामिल है. कही इन बड़े तस्कर गिरोह के सदस्य तो कोई साजिश नही कर रहे है. रक्सौल और उसके आसपास से 2025 में ही 60 ड्रग्स तस्करों को पकड़ा गया है. जिसमे अंतराष्ट्रीय ड्रग तस्कर असलम, अख्तर मुखिया, नेजाम, रिजवान, अबुलेश, टिंकू मिया, राहूल, रवि गुप्ता जैसे बड़े ड्रग माफिया शामिल है.
इसके अलावा एसपी स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर डीएसपी धीरेन्द्र कुमार ने फर्जी तरीके से लड़को को नौकरी के नाम पर फंसा कर नेटवर्क कंपनी चलाने बाले गिरोह का भी खुलासा किया था जिसमे 500 से अधिक बच्चों का रेस्क्यू किया गया था. फिलवक्त लोगो को ईमानदार छवि के तेजतर्रार आईपीएस डीआईजी हरकिशोर राय के उस गोपनीय रिपोर्ट पर होने वाली कारवाई का इंतजार है,जिसे उन्होने बिहार पुलिस मुख्यालय को भेजी है.
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/ आनंद कुमार
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