गुजविप्रौवि में तीन दिवसीय करियर ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित
हिसार, 22 अक्टूबर . गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के सौजन्य से ‘करियर अहेड’ के नाम से एक तीन दिवसीय करियर ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के तहत 11 विभागों के अंतिम और पूर्व-अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए 12 सेमिनार आयोजित किए गए. इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों के करियर दृष्टिकोण का विस्तार करना था, जिससे 1000 से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हुए.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने मंगलवार को इस आयोजन के लिए ट्रेनिंग और प्लेसमेंट सेल को बधाई दी और कहा कि आज के तेजी से बदलते समय में विभिन्न करियर अवसरों-चाहे वह कॉपोर्रेट क्षेत्र, सरकारी नौकरी या अकादमिक क्षेत्र हो-की समझ विद्यार्थियों को सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाती है. उन्होंने यह भी कहा कि इन रास्तों की जानकारी प्राप्त कर, हमारे विद्यार्थी अपने कौशल और प्रतिभाओं के अनुसार सफल और संतोषजनक करियर बना सकते हैं.
कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने भी इस पहल की सराहना की और करियर ओरिएंटेशन कार्यक्रमों के अत्यधिक लाभ को रेखांकित किया. गुजविप्रौवि के पूर्व विद्यार्थी और करियर काउंसलिंग विशेषज्ञ और वर्तमान में टाइम हिसार के निदेशक पंकज चौधरी ने सभी सत्रों का नेतृत्व किया. उन्होंने विभिन्न विभागों के लिए कस्टमाइज्ड प्रस्तुतियों के माध्यम से विद्यार्थियों को उनकी डिग्री पूरी होने के बाद उपलब्ध करियर अवसरों के बारे में मार्गदर्शन दिया, जिसमें निजी क्षेत्र में प्लेसमेंट, सरकारी नौकरियां, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के विकल्प शामिल थे. उन्होंने विद्यार्थियों को विभिन्न परीक्षाओं के पैटर्न के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी, जिनमें बैंकिंग (आईबीपीएस, आरआरबी, आरबीआई), बीमा (एलआईसी, नेशनल इंश्योरेंस), एसएससी (सीजीएल), गेट, कैट, यूजीसी-नेट, जीआरई, जीमेट जैसी परीक्षाएं शामिल हैं. उन्होंने इन परीक्षाओं की तैयारी के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा की, ताकि विद्यार्थी अपने करियर की दिशा में सही निर्णय ले सकें और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें. पंकज चौधरी ने सक्रिय रहने और करियर के विभिन्न विकल्पों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि दुनिया में अवसरों की कोई कमी नहीं है, लेकिन इनसे लाभ उठाने के लिए विद्यार्थियों को सही ज्ञान और कौशल से सुसज्जित होना चाहिए. केवल शैक्षणिक योग्यताओं पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है. विद्यार्थियों को उभरते हुए क्षेत्रों और उद्योगों का भी पता लगाना चाहिए जहां उनकी क्षमता पूरी तरह से विकसित हो सके.
प्लेसमेंट निदेशक डॉ. प्रताप सिंह ने सांझा किया कि कुल 12 सेमिनार आयोजित किए गए, जिनमें सीएसई, एचएसबी, कॉमर्स, ईईई, एमई, सिविल इंजीनियरिंग, खाद्य प्रौद्योगिकी, प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी, भौतिकी, गणित, और रसायन विज्ञान विभागों के विद्यार्थियों ने भाग लिया.
सहायक निदेशक प्लेसमेंट डॉ. आदित्य वीर सिंह ने बताया कि इन सेमिनारों का समन्वयन संबंधित विभागों के ट्रेनिंग और प्लेसमेंट समन्वयक शिक्षकों के साथ-साथ विभागीय विद्यार्थी समन्वयकों प्रतिभा, कीर्ति सिन्हा, वंश अरोड़ा, अनंता धमीजा, अंश रहेजा, सुजल पुरी, अनिश, शुभम, उमंग, खुशबू, केशव शर्मा, गौरव, भरत, संयम मिन्हास, दीक्षा शर्मा, राहुल और सोनू द्वारा किया गया. इन प्रयासों का मार्गदर्शन ओपीसी दीपक, भूमिका और संजीव जांगड़ा द्वारा किया गया. प्लेसमेंट निदेशक ने प्रतिभागी विभागों के अध्यक्षों का इस कार्यक्रम की सफलता में उनके निरंतर समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया.
/ राजेश्वर
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