बस्ती। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में करीब डेढ़ लाख किसानों की प्रधानमंत्री सम्मान निधि की किस्त खतरे में है! अगर आपने अभी तक फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराई है, तो जल्दी करें, वरना अगली किस्त का पैसा आपके खाते में नहीं आएगा। जिले में पीएम-किसान योजना के तहत कुल 5.27 लाख किसान पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से 1.5 लाख किसानों ने अब तक फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराई। इसका नतीजा? इन किसानों को अगली किस्त से हाथ धोना पड़ सकता है।
फार्मर रजिस्ट्री क्यों है जरूरी?केंद्र सरकार ने फार्मर आईडी को अनिवार्य कर दिया है। बिना इसके न तो पीएम सम्मान निधि का पैसा मिलेगा और न ही दूसरी सरकारी योजनाओं का लाभ। अभी तक बस्ती में केवल 70% किसानों ने ही फार्मर रजिस्ट्री कराई है। बाकी 1.5 लाख किसानों की फार्मर आईडी बनना बाकी है। इसके साथ ही ई-केवाईसी और भूलेख सत्यापन भी जरूरी है, जो अभी तक कई किसानों ने नहीं कराया। कृषि विभाग का कहना है कि रजिस्ट्री की प्रक्रिया में धीमी गति के कारण लक्ष्य से 30% पीछे हैं।
क्या हैं रुकावटें?कई किसानों ने न तो ओटीपी आधारित ई-केवाईसी कराई है और न ही बायोमेट्रिक सत्यापन। इसके अलावा, भूलेख सत्यापन के लिए खतौनी का राजस्व विभाग से मिलान भी बाकी है। एक और जरूरी शर्त है कि आपका बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए। अगर ये काम पूरे नहीं हुए, तो किस्त अटकना तय है। कृषि और राजस्व विभाग की टीमें गांव-गांव कैंप लगाकर किसानों की मदद कर रही हैं, लेकिन सहयोग की कमी के कारण प्रगति धीमी है।
फार्मर रजिस्ट्री: किसानों की डिजिटल पहचानफार्मर रजिस्ट्री एक डिजिटल पहचान पत्र है, जिसे केंद्र सरकार ने शुरू किया है। इसका मकसद है सभी किसानों का एक डेटाबेस तैयार करना और योजनाओं के लाभ में पारदर्शिता लाना। भविष्य में यह फार्मर आईडी किसानों के लिए खाद, बीज और अन्य सुविधाओं के लिए भी जरूरी होगी। सरकार ने साफ कर दिया है कि बिना फार्मर आईडी के पीएम सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलेगा। बस्ती के उप कृषि निदेशक अशोक कुमार गौतम का कहना है, “जिले में 75% रजिस्ट्री हो चुकी है। बाकी किसान जल्द से जल्द अपने क्षेत्र के कृषि या राजस्व विभाग के कर्मचारियों से संपर्क करें और फार्मर आईडी बनवाएं। समय रहते यह काम न हुआ, तो पात्र किसान भी लाभ से वंचित हो जाएंगे।”
अभी भी है मौका!बस्ती जिला फार्मर रजिस्ट्री के मामले में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन अभी 25% काम बाकी है। अगर आप उन डेढ़ लाख किसानों में से हैं, जिनकी रजिस्ट्री बाकी है, तो फौरन अपने नजदीकी कृषि या राजस्व विभाग के दफ्तर पहुंचें। ई-केवाईसी, भूलेख सत्यापन और आधार लिंकिंग कराएं, ताकि आपकी किस्त न रुके। देर करने से बचें, वरना सरकारी योजनाओं का लाभ आप तक नहीं पहुंचेगा!
You may also like

पाकिस्तान ने साल 1998 के बाद कोई परमाणु टेस्ट नहीं किया... भारत के आरोपों से बौखलाई शहबाज सरकार, उगला जहर

Cricket In La Olympics 2028: ओलंपिक में 128 साल बाद होगी क्रिकेट, नोट कर लीजिए कितनी टीमें खेलेंगी

Taurus Love Horoscope 2026 : वृषभ राशि के लव लाइफ में आएंगे उतार-चढ़ाव, शनि की दृष्टि से रहें सतर्क

मध्य प्रदेश में बढ़ने लगी ठंड, भोपाल-इंदौर पचमढ़ी से भी ज्यादा ठंडे, रात के पारे में 2 से 3 डिग्री की गिरावट

शिमला में महिला समेत तीन चरस तस्कर गिरफ्तार





